एक घर के मोबाइल नम्बर पर “रॉंग नम्बर” से कॉल आई.. घर की एक औरत ने कॉल रिसीव की तो सामने से किसी अनजान शख्स की आवाज़ सुनकर उसने कहा ‘सॉरी रॉंग नम्बर’ और कॉल डिस्कनेक्ट कर दी.. उधर कॉल करने वाले ने जब आवाज़ सुनी तो वो समझ गया कि ये नम्बर किसी लड़की का है, अब तो कॉल करने वाला लगातार रिडाइल करता रहता है पर वो औरत कॉल रिसीव न करती। फिर मैसेज का सिलसिला शुरू हो गया जानू बात करो न!! मोबाइल क्यूँ रिसीव नहीं करती..? एक बार बात कर लो यार! उस औरत की सास बहुत मक्कार और झगड़ालू थी.. इस वाक़ये के अगले दिन जब मोबाइल की रिंग टोन बजी तो सास ने रिसीव कर लिया.. सामने से उस लड़के की आवाज़ सुनकर वो शॉक्ड रह गई, लड़का बार बार कहता रहा कि जानू! मुझसे बात क्यूँ नहीं कर रही, मेरी बात तो सुनो प्लीज़, तुम्हारी आवाज़ ने मुझे पागल कर दिया है, वगैरह वगैरह… सास ने ख़ामोशी से सुनकर मोबाइल बंद कर दिया जब रात को उसका बेटा घर आया तो उसे अकेले में बुलाकर बहू पर बदचलनी और अंजान लड़के से फोन पर बात करने का इलज़ाम लगाया.. पति ने तुरन्त बीवी को बुलाकर बुरी तरह मारना शुरू...
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आशिफ़ा के बलात्कारी पे आक्रोश व्यक्त करती कविता!
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"मेरा देश आज बदल रहा है"
"मेरा देश आज सुधर रहा है"
"आज आशिफ़ा के मौत पे इंसानियत सबमे उमड़ रहा है"
"मेरा देश आज फिर से बदल रहा है"!
"हुआ था यही नाटक 2012 में"
"जब खेला था दरिंदों ने निर्भया कि आंहो से"
"फिर से वही इंसानियत सबमे उमड़ रहा है"
"मेरा देश आज फिर से बदल रहा है"!
"कहा थी इंसानियत जब आशिफ़ा की चीखों पे सबने मुह मोड़ा था"
" क्या उस वक़्त इंसानियत ने उनका साथ छोड़ा"
" इंसानियत की दौड़ में वो दरिंदा भी दौड़ रहा है"
" मेरा देश आज फिर से बदल रहा है"!
" कह दो उन दरिंदों से किसी दिन उनकी बिटिया भी होगी इस कतार में"
" रोने को ना मिलेगा जगह उन्हे इस पूरे संसार में"
" आज हर बिटिया का पिता उसके दुर्भाग्य पे रो रहा है"
" मेरा देश आज फिर से बदल रहा है"!
" कह रहा है सचिन मिश्रा इन वहसी दरिंदों से"
" बिटिया होंगी तुम्हारी भी डरो उन दिनों से"
" आज सबकी इंसानियत मोमबत्तियों में जल रहा है"
" मेरा देश आज फिर से बदल रहा है"!
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उरी आतंकवादी हमला
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किसान आंदोलन मार्मिक कहानी
मंडी में किसान अपना माल फैला कर एक कोना में हाथ बांध कर मज़दूरों की तरह बैठ जाता है। और बार बार मंडी के दलाल से विनती करता रहता है कि साहब मेरे माल की भी बोली लगवा दो। दलाल:- रुक जा , देख नही रहा, कितने लोग है लाइन में। किसान:चुपचाप एक कोने में बैठा, थोड़ी देर में फिर दलाल के पास जकर बोलता है, साहब अब तो देखलो। तभी दलाल किसान पर एहसान जताते हुए आता है और एक मुठी अनाज अपने हाथ मे लेकर बोलता है, उफ्फ इस बार फिर सी ग्रेड का माल ले आया। किसान :- जो भी है साहब ये ही है। दलाल:- ठीक है अभी देखता हूँ ,50 रुपये सस्ते में जायेगा पर ये माल। किसान:- जैसा भी आप सही समझो साहब। थोड़ी देर में दलाल आता है और उसका माल उठवाता है। दलाल:- कुल 18 कुंटल माल बैठा है। किसान:- पर साहब घर से तो 20 कुंटल तोल कर लाया था। दलाल:- तेरे सामने ही तो तोला है, मैं थोड़े ही खा गया 2 कुंटल माल। बता पैसे अभी लेगा या बाद में लेकर जाएगा। किसान:- अभी देदो साहब ,घर मे बहुत जरूरत है। दलाल:- पैसे गिनते हुए,इसमे 5% कमिसन कट गया, 9% मंडी का टैक्स। 200 रुपए सफाई वाली के, 1000 रुपये बेलदार के। 200 रुपये चौकीदार भी मांगेंगे। 50...
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