एक घर के मोबाइल नम्बर पर “रॉंग नम्बर” से कॉल आई.. घर की एक औरत ने कॉल रिसीव की तो सामने से किसी अनजान शख्स की आवाज़ सुनकर उसने कहा ‘सॉरी रॉंग नम्बर’ और कॉल डिस्कनेक्ट कर दी.. उधर कॉल करने वाले ने जब आवाज़ सुनी तो वो समझ गया कि ये नम्बर किसी लड़की का है, अब तो कॉल करने वाला लगातार रिडाइल करता रहता है पर वो औरत कॉल रिसीव न करती। फिर मैसेज का सिलसिला शुरू हो गया जानू बात करो न!! मोबाइल क्यूँ रिसीव नहीं करती..? एक बार बात कर लो यार! उस औरत की सास बहुत मक्कार और झगड़ालू थी.. इस वाक़ये के अगले दिन जब मोबाइल की रिंग टोन बजी तो सास ने रिसीव कर लिया.. सामने से उस लड़के की आवाज़ सुनकर वो शॉक्ड रह गई, लड़का बार बार कहता रहा कि जानू! मुझसे बात क्यूँ नहीं कर रही, मेरी बात तो सुनो प्लीज़, तुम्हारी आवाज़ ने मुझे पागल कर दिया है, वगैरह वगैरह… सास ने ख़ामोशी से सुनकर मोबाइल बंद कर दिया जब रात को उसका बेटा घर आया तो उसे अकेले में बुलाकर बहू पर बदचलनी और अंजान लड़के से फोन पर बात करने का इलज़ाम लगाया.. पति ने तुरन्त बीवी को बुलाकर बुरी तरह मारना शुरू कर दिया, जब वो उसे बुरी तरह पीट च
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भोंदू राम का तबेला
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सुबह सुबह न्यूज की खोज में एक न्यूज रिपोर्टर अपने कैमरामैन के साथ एक गांव में चले जाता है, तभी उसकी नजर एक तबेले पे पड़ती है जहा बड़े बड़े शब्दों में लिखा होता है, भोंदू राम का तबेला।
ये देख न्यूज रिपोर्टर उस तबेले कि तरफ बढ़ जाता है।
अंदर जाता है जहा भोंदू राम अपनी चारपाई पे लेट के बीड़ी पिता रहता है।
रिपोर्टर- राम राम भोंदू राम जी (हाथ जोड़ के)
भोंदू राम- राम राम भाई, कोन हो तुम कहा से आए हो?
रिपोर्टर- भोंदू राम जी, मेरा नाम सचिन है, और मै एक न्यूज रिपोर्टर हूं, और ये मेरा कैमरामैन भुलकड़ दास है।
भोंदू राम- अच्छा बताओ क्या काम है?
रिपोर्टर- कुछ नहीं बस आपसे कुछ सवाल पूछना है आपके भैस के बारे में
भोंदू राम- भैस के बारे में..?
रिपोर्टर- हा
भोंदू राम- ठीक है पूछो
रिपोर्टर- भूलकड़ कैमरा निकाल
भूलकड़ दास- जी भैया निकाल लिए
रिपोर्टर- हा तो शुरू हो जा।
रिपोर्टर- हा तो भोंदू राम जी जरा बताइएगा की आपकी भैस क्या खती है..?
भोंदू राम- (दो भैंसो की तरफ इशारा कर के) ई वाली की ऊ वाली..?
रिपोर्टर- (थोड़ा सोच में पड़ते हुवे, एक भैस की तरफ इशारा करते हुवे)
ई वाली..
भोंदू राम- ई वाली तो चारा खाती है।
रिपोर्टर- और ऊ वाली.?
भोंदू राम- ऊ वाली भी चारा खाती है।
रिपोर्टर- (अपना सर खुजाते हुवे) अच्छा ठीक है दूसरा सवाल, आपकी भैसिया पिती का है..?
भोंदू राम- ई वाली की ऊ वाली.?
रिपोर्टर- (फिर थोड़ा सोचते हुवे) ऊ वाली
भोंदू राम- ऊ वाली तो पानी पीती है।
रिपोर्टर- और ई वाली
भोंदू राम- ई वाली भी पानी पीती है!
रिपोर्टर- (रोने सी सकल बना के) अच्छा तीसरा सवाल आपकी भैंस करती क्या है?
भोंदू राम- क्या मतलब यहां आदमी को नौकरी नहीं मिल रही आप पूछ रहे है मेरी भैंस करती क्या है?
रिपोर्टर- मेरा मतलब है, की क्या दूध करती है कि नहीं?
भोंदू राम- ई वाली की ऊ वाली?
रिपोर्टर- (थोड़ा सोचते हुवे) ई वाली ई वाली बताईए
भोंदू राम- ई वाली तो दूध करती है।
रिपोर्टर- (खुश होते हुवे) फिर तो पक्का ऊ वाली दूध नहीं करती होगी।
भोंदू राम- ऐसा किसने कहा।
रिपोर्टर- क्या मतलब
भोंदू राम- मतलब ई की ऊ वाली भी दूध करती है।
रिपोर्टर- (गुस्से में झल्ला के) आरे तो इन दोनों में अंतर क्या है?
भोंदू राम- ई वाली हमरी भैंस है।
रिपोर्टर- और ऊ वाली?
भोंदू राम- ऊ भी हमरी भैंस है।
इतना सुनते ही रिपोर्टर को चक्कर आता है और वो बेहोश हो जाता है।
कुछ देर बाद
भैंस पिशाब करती है, जो कि चारपाई पे बेहोश पड़े रिपोर्टर के मुंह में गिरता है, जिससे रिपोर्टर को होश आ जाता है।
रिपोर्टर उठ के बैठ जाता है
तभी
भोंदू राम- क्यों रिपोर्टर साहब मज़ा आया, जब आप न्यूज वाले एक ही न्यूज को बार बार घुमा घुमा के सबको दिखाते है तो जनता को कैसे चक्कर आता है।
(रिपोर्टर खुद के कपड़ों से बास आने से सबकी तरफ देखते हुवे)
रिपोर्टर- आरे वो तो ठीक है लेकिन ये मेरे कपड़े इतने बास क्यों मार रहे है?
भोंदू राम- आरे आप तो बेहोश हो गए थे, मैंने और गांव के लोगो ने मिलके आपको होश में लाने के लिए क्या भी किया, ये देखिए सड़ा हुआ प्याज सुंघाया, जूते सुघाए, यहां तक कि आपके कैमरामैन का मोजा सुघाया जिसे सूंघ के मेरा कुत्ता बेहोश हो गया लेकिन आप होश में नहीं आए,
ये तो भला हो हमरी भैंस का जिसके पिशब करने से आप होश में आ गए।
फिर पूरे सभी हसने लगते है।
ये देख न्यूज रिपोर्टर उस तबेले कि तरफ बढ़ जाता है।
अंदर जाता है जहा भोंदू राम अपनी चारपाई पे लेट के बीड़ी पिता रहता है।
रिपोर्टर- राम राम भोंदू राम जी (हाथ जोड़ के)
भोंदू राम- राम राम भाई, कोन हो तुम कहा से आए हो?
रिपोर्टर- भोंदू राम जी, मेरा नाम सचिन है, और मै एक न्यूज रिपोर्टर हूं, और ये मेरा कैमरामैन भुलकड़ दास है।
भोंदू राम- अच्छा बताओ क्या काम है?
रिपोर्टर- कुछ नहीं बस आपसे कुछ सवाल पूछना है आपके भैस के बारे में
भोंदू राम- भैस के बारे में..?
रिपोर्टर- हा
भोंदू राम- ठीक है पूछो
रिपोर्टर- भूलकड़ कैमरा निकाल
भूलकड़ दास- जी भैया निकाल लिए
रिपोर्टर- हा तो शुरू हो जा।
रिपोर्टर- हा तो भोंदू राम जी जरा बताइएगा की आपकी भैस क्या खती है..?
भोंदू राम- (दो भैंसो की तरफ इशारा कर के) ई वाली की ऊ वाली..?
रिपोर्टर- (थोड़ा सोच में पड़ते हुवे, एक भैस की तरफ इशारा करते हुवे)
ई वाली..
भोंदू राम- ई वाली तो चारा खाती है।
रिपोर्टर- और ऊ वाली.?
भोंदू राम- ऊ वाली भी चारा खाती है।
रिपोर्टर- (अपना सर खुजाते हुवे) अच्छा ठीक है दूसरा सवाल, आपकी भैसिया पिती का है..?
भोंदू राम- ई वाली की ऊ वाली.?
रिपोर्टर- (फिर थोड़ा सोचते हुवे) ऊ वाली
भोंदू राम- ऊ वाली तो पानी पीती है।
रिपोर्टर- और ई वाली
भोंदू राम- ई वाली भी पानी पीती है!
रिपोर्टर- (रोने सी सकल बना के) अच्छा तीसरा सवाल आपकी भैंस करती क्या है?
भोंदू राम- क्या मतलब यहां आदमी को नौकरी नहीं मिल रही आप पूछ रहे है मेरी भैंस करती क्या है?
रिपोर्टर- मेरा मतलब है, की क्या दूध करती है कि नहीं?
भोंदू राम- ई वाली की ऊ वाली?
रिपोर्टर- (थोड़ा सोचते हुवे) ई वाली ई वाली बताईए
भोंदू राम- ई वाली तो दूध करती है।
रिपोर्टर- (खुश होते हुवे) फिर तो पक्का ऊ वाली दूध नहीं करती होगी।
भोंदू राम- ऐसा किसने कहा।
रिपोर्टर- क्या मतलब
भोंदू राम- मतलब ई की ऊ वाली भी दूध करती है।
रिपोर्टर- (गुस्से में झल्ला के) आरे तो इन दोनों में अंतर क्या है?
भोंदू राम- ई वाली हमरी भैंस है।
रिपोर्टर- और ऊ वाली?
भोंदू राम- ऊ भी हमरी भैंस है।
इतना सुनते ही रिपोर्टर को चक्कर आता है और वो बेहोश हो जाता है।
कुछ देर बाद
भैंस पिशाब करती है, जो कि चारपाई पे बेहोश पड़े रिपोर्टर के मुंह में गिरता है, जिससे रिपोर्टर को होश आ जाता है।
रिपोर्टर उठ के बैठ जाता है
तभी
भोंदू राम- क्यों रिपोर्टर साहब मज़ा आया, जब आप न्यूज वाले एक ही न्यूज को बार बार घुमा घुमा के सबको दिखाते है तो जनता को कैसे चक्कर आता है।
(रिपोर्टर खुद के कपड़ों से बास आने से सबकी तरफ देखते हुवे)
रिपोर्टर- आरे वो तो ठीक है लेकिन ये मेरे कपड़े इतने बास क्यों मार रहे है?
भोंदू राम- आरे आप तो बेहोश हो गए थे, मैंने और गांव के लोगो ने मिलके आपको होश में लाने के लिए क्या भी किया, ये देखिए सड़ा हुआ प्याज सुंघाया, जूते सुघाए, यहां तक कि आपके कैमरामैन का मोजा सुघाया जिसे सूंघ के मेरा कुत्ता बेहोश हो गया लेकिन आप होश में नहीं आए,
ये तो भला हो हमरी भैंस का जिसके पिशब करने से आप होश में आ गए।
फिर पूरे सभी हसने लगते है।
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निर्भया के बलात्कारीअफ़रोज़ की रिहाई परआक्रोश व्यक्त करती कविता
किस भारत पर गौरव कर लूँ, किस भारत की शान कहूँ? किस भारत पर सीना ठोकूं? किसको हिन्दुस्तान कहूँ? गंगा के दामन में हमने ख़ूनी नाले छोड़ दिए, गीता के अध्यायों में,सब काले पन्ने जोड़ दिए, आज खड़ा धरती पर ऊंचे आसमान पर रोता हूँ, शर्म लिए आँखों में अपने संविधान पर रोता हूँ, शर्म करो भारत वालों तुम अपने लिखे विधानों पर, शर्म करो इन्साफ संभाले इन लंगड़े दीवानो पर, शर्म करो तुम पंगू होते अपने इन भुजदंडों पर, शर्म करो लाचार बनाते कानूनी पाखंडों पर, तुमने अपराधी को बालिग़ नाबालिग में बाँट लिया, चीखों की नीलामी कर दी संविधान को चाट लिया, उसको नाबालिग कहते हो, जो वहशत का गोला था, अब साली तू मर जिसने ये रॉड डालकर बोला था, कान फाड़ती चीखों पर भी जो खुलकर मुस्काया था, जिसके सिर पर भूत हवस का बिना रुके मंडराया था, वाह अदालत तूने इन्साफों का दर्पण तोड़ दिया, नर पिशाच को दूध पिलाकर खुल्लम खुल्ला छोड़ दिया, अरे! निर्भया की चीखों पर किंचित नही पसीजे तुम, नाबालिग था!2 बस उस पर ही रीझे तुम, सं
एक घर के मोबाइल नम्बर पर “रॉंग नम्बर” से कॉल आई.. घर की एक औरत ने कॉल रिसीव की तो सामने से किसी अनजान शख्स की आवाज़ सुनकर उसने कहा ‘सॉरी रॉंग नम्बर’ और कॉल डिस्कनेक्ट कर दी.. उधर कॉल करने वाले ने जब आवाज़ सुनी तो वो समझ गया कि ये नम्बर किसी लड़की का है, अब तो कॉल करने वाला लगातार रिडाइल करता रहता है पर वो औरत कॉल रिसीव न करती। फिर मैसेज का सिलसिला शुरू हो गया जानू बात करो न!! मोबाइल क्यूँ रिसीव नहीं करती..? एक बार बात कर लो यार! उस औरत की सास बहुत मक्कार और झगड़ालू थी.. इस वाक़ये के अगले दिन जब मोबाइल की रिंग टोन बजी तो सास ने रिसीव कर लिया.. सामने से उस लड़के की आवाज़ सुनकर वो शॉक्ड रह गई, लड़का बार बार कहता रहा कि जानू! मुझसे बात क्यूँ नहीं कर रही, मेरी बात तो सुनो प्लीज़, तुम्हारी आवाज़ ने मुझे पागल कर दिया है, वगैरह वगैरह… सास ने ख़ामोशी से सुनकर मोबाइल बंद कर दिया जब रात को उसका बेटा घर आया तो उसे अकेले में बुलाकर बहू पर बदचलनी और अंजान लड़के से फोन पर बात करने का इलज़ाम लगाया.. पति ने तुरन्त बीवी को बुलाकर बुरी तरह मारना शुरू कर दिया, जब वो उसे बुरी तरह पीट च
किसान आंदोलन मार्मिक कहानी
मंडी में किसान अपना माल फैला कर एक कोना में हाथ बांध कर मज़दूरों की तरह बैठ जाता है। और बार बार मंडी के दलाल से विनती करता रहता है कि साहब मेरे माल की भी बोली लगवा दो। दलाल:- रुक जा , देख नही रहा, कितने लोग है लाइन में। किसान:चुपचाप एक कोने में बैठा, थोड़ी देर में फिर दलाल के पास जकर बोलता है, साहब अब तो देखलो। तभी दलाल किसान पर एहसान जताते हुए आता है और एक मुठी अनाज अपने हाथ मे लेकर बोलता है, उफ्फ इस बार फिर सी ग्रेड का माल ले आया। किसान :- जो भी है साहब ये ही है। दलाल:- ठीक है अभी देखता हूँ ,50 रुपये सस्ते में जायेगा पर ये माल। किसान:- जैसा भी आप सही समझो साहब। थोड़ी देर में दलाल आता है और उसका माल उठवाता है। दलाल:- कुल 18 कुंटल माल बैठा है। किसान:- पर साहब घर से तो 20 कुंटल तोल कर लाया था। दलाल:- तेरे सामने ही तो तोला है, मैं थोड़े ही खा गया 2 कुंटल माल। बता पैसे अभी लेगा या बाद में लेकर जाएगा। किसान:- अभी देदो साहब ,घर मे बहुत जरूरत है। दलाल:- पैसे गिनते हुए,इसमे 5% कमिसन कट गया, 9% मंडी का टैक्स। 200 रुपए सफाई वाली के, 1000 रुपये बेलदार के। 200 रुपये चौकीदार भी मांगेंगे। 500 रुपये क
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